मेरा जीवन
बिन वस्त्रो के, कुछ वस्त्रो का
कुछ साँसों में, बिन साँसों का
तेरा जीवन
मेरा जीवन
निस्तब्धता को बींधता हुआ
आलिंगन में घेरता हुआ
तेरा जीवन
मेरा जीवन
अस्रुओ की धारा में
स्मृतियों की मधुशाला में
कुछ कौंधता है, कुछ रौंदता है
तेरा जीवन
मेरा जीवन
कभी चलता है कभी रुकता है
कभी हँसता है, कभी रोता है
अनजाने में सब कहता है
तेरा जीवन
मेरा जीवन
रात्री के मध्य में
प्रणय के मोती चुनता है
फिर एक ओर करवट कर के
जाने क्यूँ सो जाता है
तेरा जीवन
मेरा जीवन
- 22/10/2012
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